Shodashi - An Overview

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ज्येष्ठाङ्गबाहुहृत्कण्ठकटिपादनिवासिनीम् ॥७॥

रागद्वेषादिहन्त्रीं रविशशिनयनां राज्यदानप्रवीणाम् ।

कामेश्यादिभिरावृतं शुभ~ण्करं श्री-सर्व-सिद्धि-प्रदम् ।

Saadi mantras are more obtainable, utilized for basic worship also to invoke the existence from the deity in lifestyle.

पद्मालयां पद्महस्तां पद्मसम्भवसेविताम् ।

सा मे मोहान्धकारं बहुभवजनितं नाशयत्वादिमाता ॥९॥

षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी का जो स्वरूप है, वह अत्यन्त ही गूढ़मय है। जिस महामुद्रा में भगवान शिव की नाभि से निकले कमल दल पर विराजमान हैं, वे मुद्राएं उनकी कलाओं को प्रदर्शित करती हैं और जिससे उनके कार्यों की और उनकी अपने भक्तों के प्रति जो भावना है, उसका सूक्ष्म विवेचन स्पष्ट होता है।

बिंदु त्रिकोणव सुकोण दशारयुग्म् मन्वस्त्रनागदल संयुत षोडशारम्।

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः॥

देवस्नपनं उत्तरवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि

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भर्त्री स्वानुप्रवेशाद्वियदनिलमुखैः पञ्चभूतैः स्वसृष्टैः ।

यदक्षरशशिज्योत्स्नामण्डितं भुवनत्रयम् ।

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